الصفحة الرئيسيةshayari सायरी saziya ديسمبر 28, 2019 0 تعليقات Facebook Twitter हमसे मिलने को दीवार ओ दर नहीं आए हम किसी मकान में आए लेकिन घर नहीं आए परिंदो को भी था लौट के आना शाम हुई और वे घर को आए पलट के आ गया तू भी तेरी मोहब्बत भी लेकिन वो पन्द्रह बरस लौट के नहीं आए ।। Tags shayari Facebook Twitter
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