हमसे मिलने को दीवार ओ दर नहीं आए 
हम किसी मकान में आए लेकिन घर नहीं आए 

परिंदो को भी था लौट के आना 
शाम हुई और वे घर को आए 
पलट के आ गया तू भी तेरी मोहब्बत भी 
लेकिन वो पन्द्रह बरस लौट के नहीं आए ।।

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