Homeshayri SHAYRI saziya December 28, 2019 0 Comments Facebook Twitter जिस को देखो वही है चुप-चुप साजैसे हर शख़्स इम्तिहान में हैखो चुके हम यक़ीन जैसी शयतू अभी तक किसी गुमान में हैसर-बुलंदी नसीब हो कैसेसर-निगूँ है के साए-बान में हैख़ौफ़ ही ख़ौफ़ जागते सोतेकोई आसेब इस मकान में हैख़ुद को पाया न उम्र भर हम नेकौन है जो हमारे ध्यान में है ll Tags shayri Facebook Twitter
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