Why do women feel safer in Mumbai compared to Delhi


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night in mumbai

प्रिय मित्रों

 मैं दिल्ली और मुंबई दोनो जगह में रही हूँ।  यहां उन दो शहरों में मुख्य अंतर हैं जो महिलाओं में योगदान करते हैं, यहां तक ​​कि पुरुष मुंबई में अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं:

 1. मुंबई 24 घंटे का शहर है।  दिल्ली में रात 11 बजे तक सब कुछ बंद हो जाता है ।


 2. मुंबई बहुत भीड़भाड़ वाला शहर है, हर जगह ज्यादा लोग हैं।  लोगों ने अपने आप को उस मे ढाल लिया है वो लोग कोम्प्रोमाईज़ करके रहते हैं  और जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे के लिए अपना योगदान भी देना सीख लिया है।


 3. मुंबई में कोई ग्रामीण प्रभाव नहीं है ।  दिल्ली में एक मजबूत हरियाणा प्रभाव है।  एनसीआर में ऐसे गाँव हैं जहाँ पारंपरिक रूप से रूढ़िवादी समुदाय रहते हैं, और ये अब मुख्यधारा के आवासीय क्षेत्र बन गए हैं।  लोगों के पास अधिक पैसा है, लेकिन  फिर भी अल्पविकसित जीवन शैली और सोच है।


 4. दिल्ली भारत का राजनीतिक केंद्र है।  राजनेता = दुष्ट।  दिल्ली भारत का नौकरशाही और न्यायिक केंद्र भी है।  बाबू = बुराई।  दिल्ली के किसी भी अपराधी के लिए "क्या आप जानते हैं कि मेरा डैडी कौन है?" ये बोलना बहोत ही आम बात है 


 5. मुंबई की प्रवासी मानसिकता।  पूरे भारत के लोग काम खोजने और पैसा कमाने के लिए मुंबई आते हैं।  महिलाएं लंबे समय से कर्मचारियों की संख्या में हैं।  दिल्ली  में आज भी वही पुरानी पारंपरा चलती अ रही है।


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feel safed


I am a Mumbai girl living in Delhi these days...and believe me Delhi feels like a jail. You have to think twice before going out at 8pm and you cannot go out at all after 9 pm. While in Mumbai 9 pm is when people start getting out to chill. People here stare at you for no reason, even when you are fully covered and dis-hevelled.

 I wish I could go back to Mumbai :(

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